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पीएम मोदी का लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को संपन्न और प्रोत्साहित करना है
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल ही में स्वयं सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स) से संबंधित कुछ बातें कहीं। उन्होंने यह घोषणा की कि उनका लक्ष्य अगले तीन वर्षों में स्वयं सहायता समूहों की 20 मिलियन से अधिक महिलाओं को ‘लखपति’ बनाना है। इसके अलावा, उनका लक्ष्य अपनी सरकार के माध्यम से सहकारी समितियों को ग्रामीण जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाकर सहकारी समितियों को बढ़ावा देने का भी है। कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए, आने वाले कुछ वर्षों में इन क्षेत्रों को और भी उनन्त बनाया जाएगा। यह सभी बातें मध्य प्रदेश के देवास जिले में आयोजित विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संबंधित एक बातचीत के परिणामस्वरूप सामने आया, जो चल रहे कार्यक्रम ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का एक हिस्सा है। यह बातचीत आभासी मंच (वर्जुअल प्लेटफॉर्म) के माध्यम से हुई। उपरोक्त्त कार्यक्रम दो महीने तक चलने वाली एक यात्रा है, जिसे 15 नवंबर, 2023 को पीएम मोदी जी द्वारा शुरू किया गया था। यह एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचना है।
पिछले साल देश में लगभग 10 करोड़ से अधिक महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों के साथ जुड़ी हैं। “इन बहनों और बेटियों को बैंकों द्वारा 7.5 लाख करोड़ रूपये से अधिक की सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि, इस अभियान को और भी अधिक विस्तारित करने के लिए, ”उन्होंने अगले तीन वर्षों में देश में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।” बाद में, उन्होंने रूबीना खान से पूछा कि क्या वह इसे हासिल करने में प्रधान मंत्री को इस मिशन में सहायता करने में रुचि रखती है। जब उनसे पूछा गया कि वह अपने ग्रुप की कितनी महिलाओं को लखपति बनाना चाहती हैं तब उन्होंने बताया कि वह देश की हर महिला को लखपति बनाना चाहती हैं।
हालाँकि उस वर्जुअल बातचीत में मौजूद अधिकांश लोगों ने हँस कर उनका मजाक उड़ाया, पीएम मोदी ने कहा कि रूबीना का जवाब राजनीतिक था। उसी बात पर, नरेंद्र मोदी ने यहाँ तक यह भी बताया किया कि कैसे उनकी सरकार डेयरी उत्पादन और चीनी उद्योग सहित कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सहकारी समितियों को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। पीएम मोदी के बयान के मुताबिक वर्तमान में चल रही “विकसित भारत संकल्प यात्रा” कई गांवों तक पहुंच चुकी है। इस विषय में मोदी जी ने कहा कि इस कार्यक्रम के लॉन्च होने के बाद से केवल 50 दिनों के भीतर ही यह 2.25 लाख से अधिक गांवों तक पहुंच गया है। उनका कहना है कि उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है, वह अपने आप में एक रिकॉर्ड है और इस पूरी यात्रा का लक्ष्य हर उस नागरिक तक पहुंचना है, जो केंद्र सरकार की योजनाओं से वंचित हैं या किसी कारणवश इन योजनाओं को हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
इस यात्रा की मदद से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि केंद्र सरकार की इन योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के मिल सके। उन्हें उम्मीद है कि वह हर उस व्यक्ति तक पहुंच सकेंगे जो इस योजना से वंचित रह गए हैं। प्रधानमंत्री ने सभी से कहा कि जिन लोगों के साथ भी उन्होंने बातचीत की, उनका आत्मविश्वास देखकर उन्हें बेहद संतुष्टि महसूस हुई। उन्होंने यह भी कहा कि “देश भर के प्रत्येक लाभार्थी के पास पिछले 10 वर्षों में उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में एक कहानी है और वह कहानी साहस से भरी हुई है।” हाल के वर्षों में सरकारी योजनाओं की मदद से कई लोग लाभान्वित और प्रेरित हुए हैं।
इस अभियान के कारण, अब तक 4,50,000 से अधिक नए आवेदकों ने उज्ज्वला गैस कनेक्शन के लिए आवेदन किया है, 10 मिलियन आवेदकों को आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं, 12.5 मिलियन स्वास्थ्य जांच की गई हैं, लगभग 70 लाख लोगों का टीबी (तपेदिक) के लिए जांच किया गया है, और अब तक 1.5 लाख से अधिक सिकल सेल एनीमिया टेस्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट के माध्यम से लाभार्थियों को मेडिकल रिकॉर्ड बनाने में मदद मिलती है जिससे पूरे देश में स्वास्थ्य जागरूकता फैलती है। मोदी जी ने आगे और भी लाभार्थियों के साथ बातचीत की, जहां उन्होंने तमिलनाडु के रहने वाले एक किसान हरिकृष्ण को बधाई दी, जिन्होंने अपनी कृषि पद्धतियों में आधुनिक तकनीकों को अपनाया था।
इस वर्जुअल बातचीत में देश के कोने-कोने से लोग और यहाँ तक कि सांसद, विधायक और स्थानीय प्रतिनिधियों सहित केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए थे।