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आईएएफ ने गैर-अधिकारी भूमिकाओं में महिलाओं के पहले बैच को शामिल किया
पहली बार भारतीय वायु सेना के इतिहास में, अग्निवीरवायु यानी महिला सैनिकों के पहले बैच, गैर-अधिकारी कैडर में 2 दिसंबर, 2023 को एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल किया गया था। इस भव्य आयोजन में महिला सैनिकों ने अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मार्च किया। 2,280 नए सैनिकों में से 153 अग्निवीरवायु सैनिकों ने कर्नाटक के बेलगावी स्थित एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल, से स्नातक की उपाधि प्राप्त की हैं। वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे के बयान के अनुसार, 22 सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद सभी 2,280 नए सैनिकों को पासिंग आउट परेड में शामिल किया गया था।
यह विकास और प्रगति, भारतीय नौसेना द्वारा अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मचारी वर्ग (पीबीओआर) कैडर में महिलाओं की नियुक्ति के ठीक बाद देखी गई। यह पहल मार्च 2023 में अग्निपथ भर्ती योजना के तहत शुरू की गई थी। इस योजना के तहत नियुक्त लोगों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा। विंग कमांडर आशीष मोघे ने आगे कहा कि यह विशेष दिन (2 दिसंबर, 2023) भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में याद किया जाएगा क्योंकि पहली बार अग्निवीरवायु (महिला) के पहले बैच ने अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मार्च किया था और यह अग्निवीरवायु पुरुष सैनिकों का दूसरा बैच था।
महिला अग्निवीरवायु सैनिकों की पासिंग आउट परेड की समीक्षा और पर्यवेक्षण भारतीय वायु सेना के प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, एयर मार्शल आर राधिश द्वारा की गई। अभी तक, आर्मी या मिलिट्री केवल मिलिट्री पुलिस कोर में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मचारी वर्ग या पीबीओआर कैडर के तहत महिला कर्मचारियों की भर्ती कर रही है, लेकिन अग्निपथ योजना के अनुसार आने वाले दिनों में यह उम्मीद है कि महिलाओं के लिए अन्य क्षेत्रों में भी नियुक्ति जल्द ही खुली होंगी।
इस योजना का अग्निपथ मॉडल, जिसे पिछले साल प्रस्तुत किया गया था, एक नया भर्ती मॉडल है, जो कि कई दशकों से चले आ रहे पारंपरिक मॉडल से अलग है, और जिसका मुख्य लक्ष्य और आशा है कि प्रतिभाशाली, युवा और उच्च कुशल कर्मियों के साथ सशस्त्र बलों को पुनर्जीवित करना और फिर से तैयार करना है। इस नए मॉडल, अग्निपथ योजना को 14 जून, 2022 को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा पेश की गई थी। इस मॉडल ने पुराने मॉडल को सफलतापूर्वक बदल दिया। इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों की ऐज़ प्रोफ़ाइल को कम करके भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम तकनीकी रूप से कुशल युद्धक बल (वॉर फाइटिंग फोर्स) तैयार करना था। अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर चार साल का कार्यकाल पूरा करते हैं। हालाँकि यह एक छोटे से समय का एक इंडक्शन प्रोग्राम है, लेकिन इसमें एक विकल्प है कि सभी अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को आगे के मूल्यांकन को पास करने के बाद उनकी कौशलता के आधार पर अगले 15 वर्षों के लिए स्थायी और नियमित भूमिकाओं में पदासीन किया जाता है।
भारतीय वायु सेना के प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, एयर मार्शल आर. राधिश ने पुरस्कार विजेता नए सैनिकों की सराहना और प्रशंसा की, और हर अग्निवीरवायु के लिए उनके असाधारण आउटस्टैंडिग पासिंग-आउट परेड के लिए ताली बजाई। उन्होंने वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य (ग्लोबल सिक्युरिटी लैंडस्केप) में प्रगति के साथ-साथ प्रशिक्षण स्कूल जहाँ से उन्होंने स्नातक डिग्री हासिल किया है, में सीखे गए युद्ध कौशल को व्यावहारिक रूप से उपयोग करने की महत्वपूर्णता के बारे में भी जिक्र किया। उन स्कूलों में सैनिकों को केवल सामान्य सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए युद्ध कौशल या फाइटिंग स्किल्स दिया जाता है। इसके अलावा, विंग कमांडर आशीष मोघे ने बताया कि कैसे यह परेड प्रत्येक भर्तीकर्ता के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने अपना मूलभूत सैन्य (फाउंडेशनल मिलिट्री) और विशेष प्रशिक्षण पूरा किया हुआ है। उल्लिखित प्रशिक्षण में केवल शारीरिक प्रशिक्षण ही शामिल नहीं थे बल्कि अग्निवीरवायु का बौद्धिक और नैतिक प्रशिक्षण भी शामिल था जो कि एक वायु योद्धा की नींव के रूप में कार्य करता है।
सभी अग्निवीरवायु के सैनिकों को उनके पहले वर्ष में 4.76 लाख रुपये का वार्षिक वेतन दिया जाता है जो कि बाद के वर्षों में बढ़ जाता है। उनके चौथे वर्ष में, अग्निवीरों को 6.92 लाख रुपये का वार्षिक वेतन मिलता है, जिसके बाद 48 लाख रुपये की एक कवर इंश्योरेंस पॉलिसी दी जाती है, जो कि नॉन-कंट्रीब्यूटरी होते है। यह इंश्योरेंस पॉलिसी और भी महत्वपूर्ण लाभों के साथ किसी भी सर्विस रिलेटेड मौत के लिए अनुग्रह राशि के रूप में 44 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि के साथ आती है।
अग्निपथ योजना के चार साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद, अग्निवीरों को सेवा निधि के रूप में 11.71 लाख रुपये का सेवरेंस पैकेज मिलता है। इसके अलावा, उनके योगदान के तौर पर 5.02 लाख रूपये का पैकेज भी दिया जाता है। अग्निवीरों को कई सरकारी क्षेत्रों, पार्लियामेंटरी फोर्सेस और अन्य विभागों में नौकरी के लिए अलग से रिजर्वड कोटा का भी लाभ मिलता है।